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Kumar Vishwas Shayari | Kumar Vishwas Love Shayari In Hindi

Dr. Kumar Vishwas is one of the most popular Hindi poets across the world. There are peoples and poets from many countries of the world who love Dr. Kumar Vishwas and after reading his poetry, you will also fall in love with him. Dr. Kumar Vishwas is very hardworking and has been writing a lot of poems too. His poetry is useful as well as entertaining. In this post Dr. Kumar Vishwas will read the popular Kumar Vishwas Shayari written by him.

Kumar Vishwas Shayari कुमार विश्वास शायरी

Kumar Vishwas Shayari

मेरा जो भी तर्जुबा है तुम्हे बतला रहा हूं मैं, कोई लब छु गया था तब की अब तक गा रहा हूं मैं, बिछुड़ के तुम से अब कैसे जिया जाये बिना तडपे, जो मैं खुद ही नहीं समझा वही समझा रहा हुं मैं!!

मेरे जीने मरने में तुम्हारा नाम आएगा, मैं सांस रोक लू फिर भी यही इलज़ाम आएगा, हर एक धड़कन में जब तुम हो, तो फिर अपराध क्या मेरा अगर राधा पुकारेंगी तो घनश्याम आएगा!!

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है, यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आँसू है, जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है!!


हम को यारों ने याद भी न रखा, जौन यारों के यार थे हम तो!!
जब बार बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं, जब ऊच नीच समझाने में माथे की नस दुख जाती है, तब एक पगली लड़की के बिन जीना गद्दारी लगता है, और उस पगली लड़की के बिन मरना भी भारी लगता है!!

पनाहो मै जो आए हो उस पार वार क्या करना, जो दिल हारा हुया हो उस पे फिरसे आधिकार कया करना, मोहब्बत का मजा तो डूबने की कशमकश मै हैं, जाब हो मालूम गेहराई तो दरिया पार क्या करना!!

तुम्हारी और मेरी रात में बस फर्क इतना है, तुम्हारी सो के गुजरी है हमारी रो के गुजरी है!!

ना पाने की ख़ुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है, ये दौलत और शोहरत सिर्फ कुछ जख्मो का मरहम है, अजब सी कशमकश है रोज जीने, रोज मरने में मुकम्मल जिंदगी तो है मगर पूरी से कुछ कम है!!

मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है, यहाँ सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में अंशु हैं, जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है!!

यह चादर सुख की मोल क्यू सदा छोटी बनाता है, सीरा कोई भी थामो दूसरा खुद छुट जाता है, तुम्हारे साथ था तो मैं जमाने भर में रुसवा था, मगर अब तुम नहीं हो तो ज़माना साथ गाता है!!

ना पाने की खुशी है कुछ ना खोने का ही कुछ गम है, ये दौलत और शोहरत सिर्फ कुछ ज़ख्मों का मरहम है, अजब सी कशमकश है रोज़ जीने रोज़ मरने में, मुक्कमल ज़िन्दगी तो है मगर पूरी से कुछ कम है!!

मेहफिल महफ़िल मुस्काना तो पड़ता है, खुद ही खुद को समझाना तो पड़ता है, उनकी आखों से होकर दिल जाना, रस्ते में ये मैखाना तो पड़ता है!!

जब बाबा वाली बैठक में कुछ रिश्ते वाले आते हैं, जब बाबा हमें बुलाते है हम जाते में घबराते हैं, जब साड़ी पहने एक लड़की का फोटो लाया जाता है, जब भाभी हमें मनाती हैं फोटो दिखलाया जाता है!!

हार एक खोने में हार एक पाने मै तेरी याद आति हैं, नमक आँखोन में घुल जाने में तेरी याद आति हैं, तेरी आमृत भरी लेहरों को कया मालूम गंगा मां, सामंदर पार वीराने में तेरी याद आती हैं!!

वक्त के क्रूर छल का भरोसा नहीं, आज जी लो के कल का भरोसा नहीं!!

कोई खामोश है इतना बहाने भूल आया हूं, किसी की इक तरनुम में तराने भूल आया हूं, मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो, मैं इक चिड़िया की आंखों में उड़ाने भूल आया हू!!

घर से निकला हूं तो निकला है घर भी साथ मेरे देखना ये है कि मंज़िल पे कौन पहुचेगा , मेरी कश्ती में भवर बाध के दुनिया ख़ुश है, दुनिया देखेगी कि साहिल पे कौन पहुचेगा!!

वो जिसका तीर चुपके से जिगर के पार होता है, वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है, किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से, यहा ख़त भी थोड़ी देर में अखबार होता है!!

जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा, हास्य बातो या जज़्बातो मुलाकातों का हंगामा, जवानी के क़यामत दौर में ये सोचते है सब, ये हंगामे की राते है या है रातो का हंगामा!!

मैं उसका हू वो इस एहसास से इनकार करती है, भरी महफ़िल में भी रुसवा हर बार करती है, यकीं है सारी दुनिया को खफा है हमसे वो लेकिन, मुझे मालूम है फिर भी मुझी से प्यार करता है!!

कोइ दिवाना केहता है कोइ पागल सामझता हैं, मागर धरती कि बेचैनी को बास बादल सामझता हैं, मे तुझसे दूर केसा हू तू मुझसे दूर केसी हैं, ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल सामझता हैं!!

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे दिल ऐसा इकतारा है, जो हमको भी प्यारा है और जो तुमको भी प्यारा है, झूम रही है सारी दुनिया जबकि हमारे गीतों पर, तब कहती हो प्यार हुआ है क्या अहसान तुम्हारा है!!

मैं अपने गीतों और गजलों से उसे पैगाम करता हूं, उसकी दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं!!

पनाहों में जो आया हो उस पर वार क्या करना, जो दिल हारा हुआ हो उस पे फिर से अधिकार क्या करना, मोहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में है, जो हो मालूम गहरायी तो दरिया पार क्या करना!!

कोई खामोश है इतना बहाने भूल आया हूं, किसी की इक तरनुम में तराने भूल आया हूं, मेरी अब राह मत तकना कभी ए आसमां वालो, मैं इक चिड़िया की आँखों में उड़ाने भूल आया हूं!!

हमारे शेर सुनकर भी जो खामोश इतना है, खुदा जाने गुरुर ए हुस्न में मदहोश कितना है, किसी प्याले से पूछा है सुराही ने सबब मय का, जो खुद बेहोश हो वो क्या बताये होश कितना है!!

आंखों की छत पे टहलते रहे काले साये, कोई पहले में उजाले भरने नहीं आया, कितनी दिवाली गयी कितने दशहरे बीते, इन मुंडेरों पर कोई दीप न धरने आया!!

Kumar Vishwas Love Shayari In Hindi कुमार विश्वास लव शायरी हिंदी में

यह चादर सुख की मोल क्यू सदा छोटी बनाता है, सिरा कोई भी थामो दूसरा खुद छुट जाता है, तुम्हारे साथ था तो मैं जमाने भर में रुसवा था, मगर अब तुम नही हो तो जमाना साथ गाता है!!

जिंदगी हसरतों की मय्यत है, फिर भी अरमान कर रही हो ना!!

खुद को आसान कर रही हो ना, हम पे एहसान कर रही हो ना!!

तुम्ही पे मारता है ए दिल अदावत क्यो नही करता, कइ जन्मो से बंदी हैं बगावत क्यो नही करता, कभी तुमसे थी जो वो हि शिकायात हैं जमाने से, मेरी तारीफ करता हैं मोहब्बत क्यो नही करता!!

मैं तेरा खोया या पाया हो नहीं सकता, तेरी शर्तो पे गायब या नुमाया हो नहीं सकता, भले साजिश से गहरे दफ़न मुझ को कर भी दो पर मैं, स्रजन का बीज हु मिट्टी में जाया हो नहीं सकता!!

एक पहाडे सा मेरी उगलियों पे ठहरा है, तेरी चुप्पी का सबब क्या है, इसे हल कर दे ये फ़क़त लफ्ज़ हैं तो रोक दे, रस्ता इन का और अगर सच है तो फिर बात मुकम्मल कर दे!!

हमें मालूम है दो दिल जुदाई सह नहीं सकते, मगर रस्मे-वफ़ा ये है कि ये भी कह नहीं सकते, जरा कुछ देर तुम उन साहिलों कि चीख सुन भर लो, जो लहरों में तो डूबे हैं मगर संग बह नहीं सकते!!

उम्मीदों का फटा पैरहन रोज़ रोज़ सिलना पड़ता है, तुम से मिलने की कोशिश में किस-किस से मिलना पड़ता है!!

बताऊ क्या मुझे ऐसे सहारों ने सताया है, नदी तो कुछ नहीं बोली किनारों ने सताया है, सदा ही शूल मेरी राह से खुद हट गये लेकिन, मुझे तो हर घड़ी हर पल बहारों ने सताया है!!

जब जल्दी घर जाने की इच्छा मन ही मन घुट जाती है, जब कॉलेज से घर लाने वाली पहली बस छुट जाती है!!

पुरानी दोस्ती को इस नई ताकत से मत तौलो, यह संबंधों की तुरपाई संयंत्रों से मत खोलो!!

सदा तो धूप के हाथो मे हि परचाम नही होता, खुशी के घर मे भी बोलो कभी क्या गम नही होता, फ़क़त एक आदमी के वास्ते जग छोड़ने वालो, फ़क़त उस आदमी से ए जामाना कम नही होता!!